Teaching Method
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Teaching Method
परिष्कार कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाने के तरीकों का ही तो वह जादू है जिसकी वजह से यहाँ से सफल होकर नौकरी लेनेवालों का अनुपात सबसे ज्यादा हैं—
1- परिष्कार कोचिंग में सबसे पहले सीखनेवालों को सीखने एवं परीक्षा देने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाता है, उनका हर बिंदु पर ध्यान केंद्रित करवाया जाता है। बीच-बीच में प्रश्न पूछकर, महत्त्वपूर्ण बिंदु को बोर्ड पर लिखकर, नोट्स में अंडरलाइन करवाकर, थोड़े-थोड़े समय में बार-बार दुहराकर उसे काफ़ी-कुछ कक्षा में ही याद करवा दिया जाता है।
2- याद करवाने के बहुत-से तरीके हैं जो अलग-अलग तरह के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हैं। उन सबका शिक्षक उपयोग करते हैं तथा मुश्किल-से-मुश्किल तथ्यों को भी याद करवा दिया जाता है। आजकल की परीक्षाओं में तथ्यात्मक प्रश्नों की संख्या बहुत अधिक होती हैं उनमें परिष्कार के विद्यार्थियों को बहुत लाभ होता है।
3- परिष्कार में विद्यार्थियों को पहले ही नोट्स दे दिए जाते हैं और व्याख्यान को नोट्स से जोड़कर पढ़ाने से विद्याथ्र्ाी बाद में नोट्स द्वारा स्वाध्याय (Self Study) कर लेता है और दुहरा (Revision) भी लेता है। परिष्कार ने नोट्स के जरिए शिक्षण करवाकर सीखने के विस्तार तथा स्थायित्व को मजबूती दी है और इससे परिष्कार के विद्यार्थियों के रिजल्ट शानदार रहे हैं।
4- एक टॉपिक को छोटे-छोटे टुकड़ों में बाँट लिया जाता है तथा हर टुकड़े को समझाकर फिर उसके छोटे-छोटे प्रश्नों को विद्यार्थियों से पूछकर पक्का करवाया जाता है। इससे विद्यार्थियों पर अधिक भार भी नहीं पड़ता है और तथ्यात्मक चीजें आसानी से याद हो जाती हैं। हालांकि उन्हें कुछ दिन बाद दुहराना भी पड़ता है।
5- परिष्कार के शिक्षक अपने लेक्चरर्स में विज्वल्स (दृश्य) शिक्षण सामग्री का बहुत प्रयोग करते हैं। चित्र, ग्लोब, नक्शें, फिल्म, ग्राफ आदि के प्रयोग से विद्यार्थियों के सीखने की गति और स्थायित्व को बढ़ाकर अधिक सफलता दिलवार्इ जाती है।
6- हर टॉपिक पर टैस्ट होते हैं ताकि हर टॉपिक को परीक्षा में आनेवाले प्रश्नों की दृष्टि से घेर लिया जाए और उस पर अच्छा अधिकार प्राप्त करवा लिया जाए।
7- पूरी परीक्षा को Master Tests के द्वारा पक्का किया जाता है। Master Tests को OMR Sheet पर लिया जाता है। इस टैस्ट का समय भी परीक्षा के निर्धारित समय में ही लिया जाता है ताकि परीक्षा के टाइम मैनेजमेंट को पहले से ही समझा जा सके और परीक्षा में होनेवाली गलतियों को पहले ही ठीक कर लिया जाए। किसी टॉपिक को समझ लेने ओर उससे संबंधित प्रश्नों का सही और शीघ्र उत्तर दे देने में बहुत अंतर है। Test देने और Master Test देने से ही परीक्षा देना सीखते हैं। इस संबंध में परिष्कार का लंबा और गहरा अनुभव है।